गुरु कौन है, अथवा गुरु क्या है? एवं गुरु दीक्षा ? शिव ही गुरु हैं गुरु ही शिव हैं ! शिव भोलेनाथ परम गुरु परमात्मा हैं। शास्त्रों के अनुसार पांच प्रकार के गुरुओं परम गुरु, सद्गुरु, जगद्गुरु, धर्म गुरु, कुल गुरु में परम गुरु शिव ही श्रेष्ठतम गुरु है ! वास्तविक गुरु मतलब भगवत प्राप्त संत या श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ गुरु, यह दो गुण होते है गुरु में। श्रोत्रिय मतलब शास्त्रों वेदों पुराणों का ज्ञाता और ब्रह्मनिष्ठ मतलब भगवत प्राप्त (भगवान का दर्शन, प्रेम, भगवान की सारी शक्तियाँ, भगवान के पास जो कुछ है उसकी प्राप्ति) गुरु को हो। तो गुरु को शास्त्रों वेदों पुराणों का ज्ञान होता है और वो भगवान का दर्शन भी किये रहता है। तो चुकी वह गुरु ब्रह्मनिष्ठ होता है, इसलिए उसके पास सारी भगवान की शक्तियां होती है, इसी कारण से गुरु वही अलौकिक शक्ति शिष्य को दीक्षा के रूप में दे देता है। Astrologer Govind - Best Astrologer in Indore India अतएव, किसी को यह पता चल जाये की मेरा गुरु सही नहीं है, उससे चुचाप अलग हो जाओ।उदासीन हो जाओ उस पाखण्डी गुरु के प्रति। उदासीन मतलब न उससे न प्रेम औ