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Shakambhari Navratri 2019 शाकंभरी नवरात्रि 2019

शाकंभरी नवरात्रि 2019
16 जनवरी को 6:50 पूर्वाह्न बजे ·
।। शाकंभरी नवरात्रि 2019 : नौ दिन होगी
इस देवी की साधना, 21 को मनेगी शाकंभरी जयंती ।।

शाकंभरी नवरात्रि पौष माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी से पूर्णिमा तक मानी जाती है। मकर संक्रांति से माता शाकंभरी नवरात्र का आरंभ हो गया
है। यह पर्व 14 जनवरी 2019 से शुरू होकर 21 जनवरी 2019 तक मनाया जाएगा।

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार गुप्त नवरात्रि की भांति शाकंभरी नवरात्रि का भी बड़ा महत्व है। माता शाकंभरी (शाकम्भरी) देवी दुर्गा के अवतारों में एक हैं। नवरात्रि के इन दिनों में पौराणिक कर्म किए जाते हैं, विशेषकर माता अन्नपूर्णा की साधना की जाती है। तंत्र-मंत्र के साधकों को अपनी सिद्धि के लिए खास माने जाने वाली शाकंभरी नवरात्रि के इन दिनों में साधक वनस्पति की देवी मां शाकंभरी की आराधना करेंगे।

मां शाकंभरी ने अपने शरीर से उत्पन्न शाक-सब्जियों, फल-मूल आदि से संसार का भरण-पोषण किया था। इसी कारण माता 'शाकंभरी' नाम से विख्यात हुईं। तंत्र-मंत्र के जानकारों की नजर में इस नवरात्रि को तंत्र-मंत्र की साधना के लिए अतिउपयुक्त माना गया है। इस नवरात्रि का समापन 21 जनवरी, सोमवार को पौष शुक्ल पूर्णिमा के दिन होगा। इसी दिन मां शाकंभरी जयंती भी मनाई जाएगी।

पुराणों में यह उल्लेख है कि देवी ने यह अवतार तब लिया, जब दानवों के उत्पात से सृष्टि में अकाल पड़ गया। तब देवी शाकंभरी रूप में प्रकट हुईं। इस रूप में उनकी 1,000 आंखें थीं। जब उन्होंने अपने भक्तों का बहुत ही दयनीय रूप देखा तो लगातार 9 दिनों तक वे रोती रहीं। रोते समय उनकी आंखों से जो आंसू निकले उससे अकाल दूर हुआ और चारों ओर हरियाली छा गई। देवी दुर्गा का रूप हैं 'शाकंभरी', जिनकी हजार आंखें थीं इसलिए माता को 'शताक्षी' भी कहते हैं।

मान्यता है कि इस दिनों गरीबों को अन्न-शाक यानी कच्ची सब्जी, भाजी, फल व जल का दान करने से अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती है एवं मां उन पर प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करती हैं। शाकंभरी नवरात्रि का आरंभ पौष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से होता है, जो पौष पूर्णिमा पर समाप्त होता है !


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