गुप्त नवरात्री 2019
नवरात्रि वर्ष में चार बार आती है। चार बार का अर्थ यह कि यह वर्ष के महत्वपूर्ण चार पवित्र माह में आती है। यह चार माह है:- पौष, चैत्र, आषाढ और अश्विन।
अत: ये चारों नवरात्रि वर्ष में 3-3 माह की दूरी पर हैं।
गुप्त नवरात्रि प्रमुख रूप से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है।
गुप्त नवरात्र माघ शुक्ल पक्ष में और आसाढ़ शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा से नवमी तक होती है !
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त व नियम :-
1. चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग में घटस्थापना का निषेध है।
2. द्विस्वभाव लग्न को चुनें
3. ईशान्य कोण यानी उत्तर-पूर्व में कलश की स्थापित करें।
4. पूर्व-दक्षिण दिशा में अखंड ज्योति जलाएं।
5. ध्यान रहे कि आसन की व्यवस्था ऐसी हो, जिससे पूजा करते समय मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में ही रहे।
6. नारियल रखने के लिए शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि नारियल का मुख नीचे की तरफ रखने से शत्रु में वृद्धि होती है। नारियल का मुख ऊपर की तरफ रखने से रोग बढ़ते हैं, जबकि पूर्व की तरफ नारियल का मुख रखने से धन का विनाश होता है। इसलिए नारियल की स्थापना सदैव इस प्रकार करनी चाहिए कि उसका मुख साधक की तरफ रहे।
नोट:- नारियल का मुख उस सिरे पर होता है, जिस तरफ से वह पेड़ की टहनी से जुड़ा होता है। किसी भी नारियल की जटाओं को हटाने पर उसमें तीन छिद्र नजर आते हैं। इन छिद्रों को नारियल की दो आंखें और एक मुंह माना जाता है।
घटस्थापना मुहूर्त = 09:08 to 10:38कुल समय = 1 Hour 30 Minsद्विस्वभाव मीन लग्नप्रतिपदा तिथि प्रारम्भ = 02:33 on 5/Feb/2019प्रतिपदा तिथि समाप्त = 05:15 on6/Feb/2019
माघ नवरात्रि तिथि 2019
नवरात्रि का पहला दिन
तिथि – प्रतिपदा
5 फरवरी 2019, मंगलवार
घटस्थापना, कलश स्थापना, शैलपुत्री पूजा
नवरात्रि का दूसरा दिन
तिथि – द्वितीया
6 फरवरी 2019, बुधवार
ब्रह्मचारिणी पूजा
नवरात्रि का तीसरा दिन – तिथि वहीं रहेगी
तिथि – द्वितीया
7 फरवरी 2019, गुरुवार
ब्रह्मचारिणी पूजा
नवरात्रि का चौथा दिन
तिथि – तृतीया
8 फरवरी 2019, शुक्रवार
चंद्रघंटा पूजा
नवरात्रि का पांचवा दिन
तिथि – चतुर्थी
9 फरवरी 2019, शनिवार
कुष्मांडा पूजा
नवरात्रि का छठा दिन
तिथि – पंचमी
10 फरवरी 2019, रविवार
स्कंदमाता पूजा
नवरात्रि का सातवां दिन
तिथि – षष्ठी
11 फरवरी 2019, सोमवार
कात्यायनी पूजा
नवरात्रि का अाठवां दिन
तिथि – सप्तमी
12 फरवरी 2019, मंगलवार
कालरात्रि पूजा
नवरात्रि का नौवां दिन
तिथि – अष्टमी
13 फरवरी 2019, बुधवार
महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी, महाष्टमी पूजा, संधि पूजा
नवरात्रि का दसवां दिन
तिथि – नवमी
14 फरवरी 2019, गुरुवार
सिद्धिदात्री पूजा, नवरात्रि पारण, नवरात्री हवन
गुप्त नवरात्र का महत्व :-
गुप्त नवरात्र के महत्व को बताने वाली कथा के अनुसार एक समय की बात है कि ऋषि श्रृंगी एक बार अपने भक्तों को प्रवचन दे रहे थे कि भीड़ में से एक स्त्री हाथ जोड़कर ऋषि से बोली कि गुरुवर मेरे पति दुर्व्यसनों से घिरे हैं जिसके कारण मैं किसी भी प्रकार के धार्मिक कार्य व्रत उपवास अनुष्ठान आदि नहीं कर पाती। मैं मां दुर्गा की शरण लेना चाहती हूं लेकिन मेरे पति के पापाचारों से मां की कृपा नहीं हो पा रही मेरा मार्गदर्शन करें। तब ऋषि बोले वासंतिक और शारदीय नवरात्र में तो हर कोई पूजा करता है सभी इससे परिचित हैं। लेकिन इनके अलावा वर्ष में दो बार गुप्त नवरात्र भी आते हैं इनमें 9 देवियों की बजाय 10 महाविद्याओं की उपासना की जाती है। यदि तुम विधिवत ऐसा कर सको तो मां दुर्गा की कृपा से तुम्हारा जीवन खुशियों से परिपूर्ण होगा। ऋषि के प्रवचनों को सुनकर स्त्री ने गुप्त नवरात्र में ऋषि के बताये अनुसार मां दुर्गा की कठोर साधना की स्त्री की श्रद्धा व भक्ति से मां प्रसन्न हुई और कुमार्ग पर चलने वाला उसका पति सुमार्ग की ओर अग्रसर हुआ उसका घर खुशियों से संपन्न हुआ। कुल मिलाकर गुप्त नवरात्र में भी माता की आराधना करनी चाहिये।
पूजा की विधि:-
जहां तक पूजा की विधि का सवाल है मान्यतानुसार गुप्त नवरात्र के दौरान भी पूजा अन्य नवरात्र की तरह ही करनी चाहिये। नौ दिनों तक व्रत का संकल्प लेते हुए प्रतिपदा को घटस्थापना कर प्रतिदिन सुबह शाम मां दुर्गा की पूजा की जाती है। अष्टमी या नवमी के दिन कन्याओं के पूजन के साथ व्रत का उद्यापन किया जाता है। वहीं तंत्र साधना वाले साधक इन दिनों में माता के नवरूपों की बजाय दस महाविद्याओं की साधना करते हैं। ये दस महाविद्याएं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं।
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